



श्री स्वामी रामतीर्थ उनके सदुपदेश
भाग १२
Publisher Description
स्वामी रामतीर्थ भाग-१२ स्वामी रामतीर्थ के विचारों का संकलन है। उनके ज्यादातर विचार या संस्मरण मौखिक है। रामतीर्थ भारतीय समाज-संस्कृति को वेदान्त की दृष्टि से देखने के हिमायती थे। उन्होंने अपने भाषणों एवं चर्चाओं में बार-बार वेदान्त का उदाहरण दिया है। इस भाग 'सुलह की जंग? गंगा-तरंग' में वो इवोल्यूशन (विकास-सिद्धांत) और डार्विन के बारे में हमें बताते हैं। जिन्दगी की बड़ी-बड़ी बातें वे बहुत सहज तरीके से कह देते हैं। स्वामी रामानुजाचार्य के जीवात्मा और परमात्मा के बारे में भी सुन्दर तरीके से समझाते हैं। स्वामी रामतीर्थ बताते हैं कि दुःखों का दूर करना और परम आनंद का प्राप्त करना यही महाविद्या का लक्ष्य है। इसको प्राप्त करने में यह किताब हमारी जरुर मदद करेगी।