गरीबी हटाओ गरीबी हटाओ

गरीबी हटा‪ओ‬

Garibi Hatao

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Publisher Description

लड़के ने रिक्शेवाले को दो चार मैया की गालियाँ दीं और गली में जा छिपा। मोहन ठठेर ने इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया। उसे यह भी पता नहीं चला कि उसका बेटा कब दूसरे रिक्शा के पीछे लटक कर ठठेरी बाज़ार की सरहदें लाँघ गया। मोहन ठठेर का सारा ध्यान हरप्रसाद के ग्राहकों पर था। संयोग से दो तीन महिलाएँ धड़धड़ाती हुई हरप्रसाद की दुकान में घुस आई थीं, स्टील के गिलास ढूँढ़ती हुई। मोहन ठठेर ने विजयी नजरों से बाजार की तरफ देखा, जैसे बता रहा हो कि देखो वह हरप्रसाद के लिए कितना भाग्यवान साबित हो रहा है। बाज़ार में वाकई सन्नाटा था। मोहन ठठेर की इच्छा हो रही थी कि वह चिल्ला-चिल्ला कर घोषित कर दे कि यह मोहन ठठेर का ही चमत्कार है कि ग्राहक बीसियों दुकानें छोड़ कर वहीं आ रहे हैं जहाँ वह डटा हुआ है।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2010
September 10
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
230
Pages
PUBLISHER
Bhartiya Sahitya Inc.
SELLER
Bhartiya Sahitya Inc.
SIZE
625.8
KB

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