मैं हूँ एक भाग हिमालय का मैं हूँ एक भाग हिमालय का

मैं हूँ एक भाग हिमालय क‪ा‬

    • $1.99
    • $1.99

Publisher Description

आप सबके समक्ष अपना पहला काव्य संग्रह रखते समय बहुत ख़ुश हूँ मगर असमंजस में हूँ। मैं जन्मना कवियत्री नहीं हूँ ना ही उन महान कवि-कवियत्रियों की श्रेणी में आने की कोशिश भी कर पाऊँगी जो बहुत छोटी उम्र से कवितायें लिखते हैं परिपक्व कवि हैं। मेरा काव्य लेखन बहुत देर से शुरू हुआ। मैं अपने बच्चों के (मॉंटेसॉरी) स्कूल में हिंदी पढ़ाती थी। मॉंटेसॉरी शिक्षा मेरे हिसाब से शिक्षा का एक बेहतरीन माध्यम है। हमारे गुरुकुल की नीव पर आधारित है वह। एक दिन ऐसे ही मेरे पुत्र ने पूरी-आलू माँगे तो मैंने उसकी इस फरमाईश को पहले कविता के रूप में लिख दिया और रख दिया कम्प्यूटर के पास। फिर मैं रसोई में पूरी-आलू बनाने चली गई। तभी पति देव आए और उन्होंने मेरा लिखा अपने किसी ज़रूरी काग़ज़ की खोज में पढ़ा और पूछा ये कि ये कविता कहाँ से आई ... ? मैंने कहा, ”यूँ ही मेरे मन में ये विचार आए और मैंने ये लिख कर रख दी इन्होंने मेरा उत्साहवर्धन किया और तब से आज तक कविता मेरे जीवन का अंग सा बन गई है।
आप सबके समक्ष अपना पहला काव्य संग्रह रखते समय बहुत ख़ुश हूँ मगर असमंजस में हूँ। मैं जन्मना कवियत्री नहीं हूँ ना ही उन महान कवि-कवियत्रियों की श्रेणी में आने की कोशिश भी कर पाऊँगी जो बहुत छोटी उम्र से कवितायें लिखते हैं परिपक्व कवि हैं। मेरा काव्य लेखन बहुत देर से शुरू हुआ। मैं अपने बच्चों के (मॉंटेसॉरी) स्कूल में हिंदी पढ़ाती थी। मॉंटेसॉरी शिक्षा मेरे हिसाब से शिक्षा का एक बेहतरीन माध्यम है। हमारे गुरुकुल की नीव पर आधारित है वह। एक दिन ऐसे ही मेरे पुत्र ने पूरी-आलू माँगे तो मैंने उसकी इस फरमाईश को पहले कविता के रूप में लिख दिया और रख दिया कम्प्यूटर के पास। फिर मैं रसोई में पूरी-आलू बनाने चली गई। तभी पति देव आए और उन्होंने मेरा लिखा अपने किसी ज़रूरी काग़ज़ की खोज में पढ़ा और पूछा ये कि ये कविता कहाँ से आई ... ? मैंने कहा, ”यूँ ही मेरे मन में ये विचार आए और मैंने ये लिख कर रख दी इन्होंने मेरा उत्साहवर्धन किया और तब से आज तक कविता मेरे जीवन का अंग सा बन गई है।

GENRE
Fiction & Literature
RELEASED
2018
December 9
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
53
Pages
PUBLISHER
वर्जिन साहित्यपीठ
SELLER
Draft2Digital, LLC
SIZE
346.3
KB

More Books by वर्जिन साहित्यपीठ

यहाँ अधिकारी शर्म से नहीं मरते! यहाँ अधिकारी शर्म से नहीं मरते!
2019
बच्चों का संसार (बाल काव्य संग्रह) बच्चों का संसार (बाल काव्य संग्रह)
2020
इतना भर प्रेम इतना भर प्रेम
2020
प्रेमचंद की 6 कालजयी कहानियाँ (कहानी) प्रेमचंद की 6 कालजयी कहानियाँ (कहानी)
2020
પડાવ પડાવ
2018
मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह) मानवीय संवेदना की धुरी पर एक खोया हुआ आदमी (लघुकथा संग्रह)
2020