रोकड़ जो मिली नहीं (Hindi Novel) रोकड़ जो मिली नहीं (Hindi Novel)

रोकड़ जो मिली नहीं (Hindi Novel‪)‬

Rokad Jo Mili Nahi (Hindi Novel)

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Publisher Description

‘रोकड़ जो मिली नहीं’ वस्तुत: मनुष्य के भाग्य का इतिहास है। आज के युग में मनुष्य टेकनालॉजी के तर्क से पैसे को ही सब कुछ मानकर किस प्रकार के अनैकित कार्य करता है और अन्तत: सुख उसे समृद्धि से नहीं मिलता है। इस उपन्यास में ‘सोने के हार की चोरी’ की खोज के माध्यम से मानव की कमजोरियों का रहस्य समझने का प्रयत्न किया गया है। ‘ब्लैक प्रिंस’ का इतिहास पैसे के पीछे पागल लोगों का इतिहास है। जासूसी कथा शिल्प के माध्यम से रचनाकार ने कलकत्ता महानगर के काले पक्ष को उजागर करने का आश्चर्यजनक प्रयत्न किया है। कौतूहल मनोरंजन आदि तत्त्वों से युक्त होने के बावजूद यह ‘रहस्य रोमांच’ से भिन्न एक साहित्यिक रचना है यही इसका रहस्य है। सुनीतिमित्र, झगड़ू और ब्लैक प्रिंस तो सामाजिक व्यवस्था के उस पक्ष के परिणाम हैं जो रोटी के लिए पूंजी की भूख पैदा करती है। अपराधों के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण क्या हैं यह पुस्तक पढ़कर समझा जा सकता है, क्योंकि अपराध इसमें स्वयं प्रतीक के रूप में प्रयुक्त है। वस्तुतः इन्हीं कारणों से पुस्तक रोचक और कौतूहलपरक ही नहीं शैली की दृष्टि से आकर्षक भी है।

GENRE
Reference
RELEASED
2012
March 8
LANGUAGE
HI
Hindi
LENGTH
165
Pages
PUBLISHER
Bhartiya Sahitya Inc.
SELLER
Bhartiya Sahitya Inc.
SIZE
798.8
KB

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