इतिहास (Hindi Stories)
Itihas (Hindi Stories)
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लोग कहते हैं कि समाज में अपनी इज़्ज़त ब़ढ़ाने के लिए लोगों से मिलना-जुलना ज़रूरी होता है, लेकिन यह बात कुछ ठीक नहीं मालूम होती, क्योंकि बहुत से लोग सुमेर को शायद इसीलिए जानते हैं कि वह कहीं आता-जाता नहीं, किसी से मिलता–जुलता नहीं। कुछ लोग तो ‘फ़िलॉसफ़र’ कहकर अपने मन को समझा लेते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि गणित विषय ही ऐसा है, इन्सान को निकम्मा बना देता है, दुनिया के किसी काम का नहीं रखता। कुछ लोग कहते हैं अपने को लगाता है। बहरहाल किसी ने कभी यह पता लगाने की जरूरत नहीं समझी कि उसकी ज़िन्दगी में अवकाश के क्षण हैं भी या नहीं। हजरत सफशिकन की मैयत पर सर धुनने वाले नवाब साहब को अगर कोई यह समझाने की कोशिश करता कि दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें अपनी प्यारी बीवी की मज़ार पर भी दो आँसू गिराने की फुर्सत नहीं होती तो वह कहते—क्या चण्डूखाने की उड़ायी तुमने मियाँ।