जिनकी याद हमेशा हरी रहेगी (Hindi Memoir) जिनकी याद हमेशा हरी रहेगी (Hindi Memoir)

जिनकी याद हमेशा हरी रहेगी (Hindi Memoir‪)‬

Jinki Yad Hamesha Hari Rahegi (Hindi Memoir)

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प्रख्यात लेखक अमृत राय के विभिन्न लेखकों के संस्मरण : अब तो ठीक याद भी नहीं कि नागरजी ने कब पहली बार अपनी चिट्ठी में इस संबोधन का इस्तेमाल किया था, पर जब भी किया हो इस प्यारे संबोधन की बात पहले उन्हीं को सूझी थी। सचमुच बड़ा अच्छा संबोधन था ये जो एक खिलंडरे अंदाज में बीच की बहुत-सी बेमतलब दूरियाँ ख़त्म करके बड़ी प्यारी-सी एक आत्मीयता का संबंध खेल-खेल में बना देता था। और मुझे अच्छी तरह याद है कि उनकी उस पहली चिट्ठी के बाद से हम दोनों अपनी चिट्ठियों में यही संबोधन इस्तेमाल करते थे। चिट्ठियाँ लिखने में हम दोनों ही जरा आलसी थे पर जो भी चिट्ठियाँ उनके पास या मेरे पास संयोगवश बच गयी होंगी, उनमें यही मिलेगा

GENRE
Non-fictie
UITGEGEVEN
2012
15 januari
TAAL
HI
Hindi
LENGTE
125
Pagina's
UITGEVER
Bhartiya Sahitya Inc.
GROOTTE
754,5
kB

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